जया किशोरी के अनुसार इन परिस्थितियों में व्यक्ति का चुप रहना बेहतर
व्यक्ति को परिस्थिति के अनुसार व्यवहार करना चाहिए. अगर स्थिति विषम हो तो चुप रहना अच्छा होता है क्योंकि कभी-कभी बेवजह बोलना परेशानी का कारण बन जाता है. ऐसे में जानी-मानी मोटिवेशनल स्पीकर और स्पिरिचुअल गुरु जया किशोरी का कहना है कि व्यक्ति के लिए कुछ खास परिस्थितियों में चुप रहना ही बेहतर होता है.
जया किशोरी अक्सर अपने प्रवचन के दौरान बताती रहती हैं कि व्यक्ति को किन-किन परिस्थितियों में चुप रहना चाहिए.
जब क्रोध आए तब चुप रहें - जया किशोरी के अनुसार जब भी व्यक्ति को गुस्सा आता है तो उसे चुप रहना चाहिए. गुस्से में व्यक्ति अपना आपा खो देता है और उसे समझ नहीं आता कि कब क्या कहे और क्या नहीं. ऐसे में बनती हुई बात भी बिगड़ जाती है और समय भी बर्बाद होता है.
अधूरी जानकारी हो तो ना बोले - व्यक्ति को कुछ भी कहने से पहले उपरोक्त विषय के बारे में ज्ञान होना जरूरी है. यदि ज्ञान का अभाव हो तो व्यक्ति को कुछ नहीं कहना चाहिए क्योंकि खामखा इससे उसका मजाक बन जाएगा. जया किशोरी के अनुसार जब तक पूरी जानकारी ना हो तब तक चुप रहना बेहतर होता है.
परिस्थिति का रखें ध्यान - मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी के अनुसार व्यक्ति को स्थिति के अनुसार बातचीत करनी चाहिए. परिस्थिति के अनुकूल व्यवहार न करना कभी-कभी व्यक्ति के लिए नुकसानदेह होता है.
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