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    हजारीबाग : टीबी उन्मूलन पर जोर, मीडिया वर्कशॉप का आयोजन

    Hazaribagh : जिला स्वास्थ्य समिति के तत्वावधान में शुक्रवार को यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मीडिया वर्कशॉप का आयोजन किया गया. मौके पर जिले के पत्रकारों को टीबी मुक्त भारत अभियान में उनके दायित्व एवं कर्तव्यों से उन्हें अवगत कराया गया. कार्यक्रम में उपस्थित पत्रकारों को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि भारत सरकार राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम चलाकर भारत को टीबी मुक्त करना चाहती है. इसी उद्देश्य के तहत झारखंड के चार जिलों में 100 दिवसीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके तहत नए मरीजों को चिन्हित कर उनका इलाज किया जा रहा है. टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने में मीडिया की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. मीडिया का सहयोग जरुरी है. मीडिया को अपने अखबारों और चैनलों के माध्यमम से टीबी की बीमारी से संबंधित सामाग्रियों, जागरूकता कार्यक्रम, टीबी का लक्षण, उपचार आदि का प्रचार प्रसार करके अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए.

    टीबी के क्या हैं लक्षण

    सिविल सर्जन ने टीबी के लक्षणों के बारे में बताते हुए कहा कि अधिक पसीना आना, भूख न लगना, बुखार, वजन घटना, खांसी होना, खांसी में बलगम के साथ खून आना, छाती में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, जल्दी थक जाना आदि टीबी के लक्षण हैं. लंबे समय तक यदि यह सभी लक्षण दिखाई देते हैं तो जांच करानी चाहिए. जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक रहती है उनमें टीबी होने की गुंजाइश कम रहती है. इसलिए दवाइयों के साथ-साथ अच्छे खान-पान का होना बेहद जरूरी है. टीबी एक संक्रामक रोग है. ये अपने चपेट में कई लोगों को ले लेती है. टीबी के दवा लेने से मरीज को सप्ताह से 10 दिन में ठीक होने का असर दिखाई देने लगता है. टीबी का इलाज मुफ्त किया जाता है. इलाज के लिए दवा सदर अस्पताल हजारीबाग, जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों और सभी प्रखंडों में मुफ्त उपलब्ध है. कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह के अलावे डॉ. आरके जायसवाल, डब्ल्यूएचओ कंसल्टेंट (टीबी प्रोग्राम), डॉ. साफिन रिहान सहित कई पत्रकार व अस्पताल कर्मी मौजूद रहे.

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